
अपने स्वयंवर में राजकुमारी सुनना चाहती थी एक अनोखी गिनती। कैसी गिनती थी वह और क्या कोई सुना पाया वह अनोखी गिनती? पढ़िए एक रोचक कहानी story in hindi image अनोखा स्यमंवर।
Story In Hindi Image अनोखा स्यमंवर
यह कहानी प्राचीन भारत की है। कुन्दनपुर राज्य के राजा महेन्द्र सिंह की एकमात्र पुत्री राजकुमारी रूपमती विवाह के योग्य हो गई थी। वह बहुत रूपवती और गुणवती थी। महेंद्र सिंह ने जब अपनी पुत्री से उसके विवाह के विषय में बात की तो रूपमती ने एक बुद्धिमान वर की ईच्छा प्रकट की। तब राजा ने अपनी बेटी के स्वयंवर की घोषणा की।
राजकुमारी की शर्त

राजकुमारी रूपमती की यह शर्त थी कि जो भी बीस तक की गिनती सुनाएगा, वही राजकुमारी का पति बनेगा। परन्तु गिनती ऐसी होनी चाहिए जिसमें सारा संसार समा जाए। जो यह गिनती नहीं सुना सकेगा, उसे बीस कोड़े खाने पड़ेंगे। अतः विभिन्न राज्यों के राजाओं और राजकुमारों को संदेश भिजवा दिए गए। यह स्वयंवर केवल राजाओं और राजकुमारों के लिए ही था।
स्वयंवर का दिन आया
अंततः स्वयंवर का दिन आ गया। अब एक तरफ राजकुमारी का वरण और दूसरी तरफ कोड़े। परन्तु फिर भी बहुत से राजा और राजकुमार स्वयंवर में पहुंचे। राजा ने विशेष भोज का आयोजन भी किया।

मिठाई और विभिन्न पकवान तैयार किए गए। पहले सभी ने भोज का आनंद लिया और फिर सभा में राजकुमारी का स्वयंवर शुरू हुआ।
शुरू हुआ स्वयंवर
एक से बढ़कर एक राजा-महाराजा आते हैं। सभी गिनती सुनाते हैं, जो उन्होंने पढ़ी हुई थी, लेकिन कोई भी ऐसी गिनती नहीं सुना पाया जिससे राजकुमारी संतुष्ट हो सके।

अब जो भी आता, कोड़े खाकर चला जाता। कुछ राजा तो आगे ही नहीं आए। उनका कहना था कि गिनती तो गिनती होती है, यह केवल हम सबको पिटवा कर मज़े लूट रही है।
कोई था छिपा
तभी सैनिक एक व्यक्ति को पकड़ कर राजा के सामने पेश करते हैं। वह राजमहल का शाही रसोईया रतन था। शक्ल और सूरत बिल्कुल राजकुमारों जैसी। लेकिन था एक रसोईया। उसका अपराध यह था कि वह कौतूहलवश छिप कर सारा कार्यक्रम देख रहा था। जबकि उसका वहां होना अनपेक्षित था।
क्या कहा रसोईए ने?
जब रतन से पूछा गया कि वह यहां क्यूं आया तो उसने बताया कि एक सिपाही ने जब बाहर आकर यह बताया कि राजकुमारी की क्या शर्त है और यह भी बताया कि कोई भी राजा या राजकुमार वह शर्त पूरी करने में असमर्थ है। तो मैं जिज्ञासावश देखने चला आया।

फिर वह कटाक्ष करता हुआ बोला कि हैरानी की बात है कि गुरुकुलों में शिक्षा प्राप्त राजकुमार एक साधारण सी गिनती नहीं सुना पा रहे।
यह सुनकर सभी राजा उसे दंड देने के लिए कहने लगे। तब महेंद्र सिंह ने उससे पूछा, "क्या तुम गिनती जानते हो?
यदि जानते हो तो सुनाओ।"
इस पर रतन बोला, "हे राजन, यदि मैंने गिनती सुनाई तो क्या राजकुमारी मुझसे शादी करेगी? क्योंकि मैं आपके बराबर नहीं हूँ और यह स्वयंवर भी केवल राजाओं के लिए है। तो गिनती सुनाने से मुझे क्या फायदा?"
सब देख रहे थे कि आज तो इस नासमझ रसोइए की मृत्यु तय है। रतन को गिनती बोलने के लिए कहा गया।
राजा की आज्ञा लेकर रतन ने गिनती शुरू की..
राजकुमारी रूपमती रतन के इस उत्तर से संतुष्ट हुई । सब लोग हक्के-बक्के रह गए। राजकुमारी का रतन से विवाह संपन्न हुआ क्योंकि इस गिनती में संसार की सारी वस्तुएं समाहित है।

शिक्षा
शिक्षा का मानव जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है परन्तु कभी-कभी कुछ बातें अनुभव से ही आती हैं। और यदि अनुभव और शिक्षा मिल जाएं तो यह सोने पर सुहागा होगा।
COMPILED BY - PUJA NANDA
storyhindiofficial.in
अन्य मज़ेदार और मनोरंजक हिंदी कहानियां
*रूहों की अनजान दुनिया में कैसे पहुंचे डॉक्टर राघव ? एक रोमांचक horrorstory in hindi दवा।
सभी Hindi Stories पढ़ने के लिए यहाँ Click करें
© 2025 StoryHindiofficial.in
इस लेख की सभी सामग्री, कहानी और विचार मौलिक और कॉपीराइट के अंतर्गत सुरक्षित हैं। बिना अनुमति इस लेख को पुनः प्रकाशित करना, कॉपी करना या किसी भी रूप में उपयोग करना कानूनन दंडनीय है। कृपया रचनात्मकता की इज्जत करें।