सफलता का असली राज - कभी हार मत मानो, तरीका बदलो! - अंगूर अब खट्टे नहीं हैं।

hindi kahani

आखिर फिर एक बार लोमड़ी चली अंगूर खाने। क्या इस बार भी उसे असफलता मिलेगी या फिर इस बार वो प्राप्त कर लेगी अंगूर? पढ़ें एक रोचक hindi kahani -अंगूर अब खट्टे नहीं हैं।


hindi kahani -अंगूर अब खट्टे नहीं हैं।

सफलता का असली राज - कभी हार मत मानो, तरीका बदलो!

एक बार फिर से अंगूरों की बेलें गुच्छों से लबालब भर गईं। भोजन की तलाश में एक लोमड़ी उधर से गुजरी तो उसकी नज़र मोटे-मोटे अंगूरों पर टिक गई।
लेकिन अंगूर बहुत ऊंचाई पर लगे थे। लोमड़ी लगी कूदने और बार बार कूदने पर भी जब वह अंगूरों तक न पहुंच पाई तो फिर है एक बार वही हुआ, जो सदियों से होता आया है। यानि कि लोमड़ी 'अंगूर खट्टे हैं ' ऐसा बोल कर आगे बढ़ गई।


अब अंगूर न मिलने के कारण लोमड़ी मन मसोसकर वहां से चल तो पड़ी लेकिन उस के दिल में एक फांस सी चुभने लगी। चलते चलते वह सोच रही थी कि कब तक हम लोमड़ियां बिना चखे ही अंगूरों को खट्टा कहती रहेगीं? केवल इसी कारण कि आज तक हम उन्हें प्राप्त नहीं कर पाईं?


hindi kahani

हमने अपनी असफलता के कारण अंगूरों की गुणवत्ता पर ही प्रश्न चिन्ह लगा दिया और समाज में एक गलत संदेश पहुंचाया कि जिस काम में असफलता मिले, उसे करना ही नहीं चाहिए। और तो और बस अपनी असफलता को अस्वीकार करते हुए उस काम को ही बेकार बोलकर करना छोड़ देना चाहिए।

अंगूरों की इच्छा करना ग़लत नहीं था, परंतु उसे प्राप्त करने का तरीका यदि गलत साबित हुआ तो दूसरा रास्ता खोजना चाहिए था।


यह सोचते सोचते वह जंगल में आगे बढ़ती जा रही थी कि तभी उसे टक टक की आवाज़ सुनाई दी। इधर उधर देखा तो पाया कि एक कठफोड़वा एक पेड़ के तने में अपनी चोंच मार मारकर गड्ढा कर रहा था। उसे देखते ही लोमड़ी के दिमाग में एक विचार आया।


hindi kahani

उसने कठफोड़वे को आवाज़ देकर बुलाया और कहा, - भाई, क्या तुम रसीले मीठे अंगूरों का स्वाद चखना चाहते हो?

नहीं! कठफोड़वे ने लापरवाही से उत्तर दिया। वैसे भी मैं जानता हूं कि इस जंगल में रसीले अंगूरों की बेलें कहां लगी हैं। अभी कल ही मैंने बहुत से अंगूर खाएं हैं। आज मेरी इच्छा नहीं है।


ठीक है भाई। लेकिन मेरी अंगूर खाने की बहुत इच्छा है। अंगूर बहुत ऊंचाई पर लगे हैं। मैंने बहुत प्रयास किया परन्तु मैं उन तक नहीं पहुंच पाई। तुम तो ऊंचाई तक उड़ कर अपनी नुकीली चोंच से अंगूर के गुच्छे आसानी से तोड़ सकते हो।और फिर बात केवल मेरे अंगूर खाने की नहीं है। उन अंगूरों को प्राप्त करके मैं इस संसार के सामने एक नई अवधारणा प्रस्तुत करना चाहती हूं।


नई अवधारणा? मतलब? कठफोड़वे को उत्सुकता हुई और वह निचली डाल पर आकर बैठ गया।
तब लोमड़ी बोली,- बात सदियों पुरानी है। मेरी ही एक पूर्वज एक बार इसी तरह अंगूरों तक नहीं पहुंच पाई। तब उसने यह कहा कि ये अंगूर ही खट्टे हैं। इस प्रकार उसने अपनी असफलता के कारण अंगूरों को ही बेकार बोला जबकि हो सकता है, ऐसा न हो।


hindi kahani

अच्छा फिर? कठफोड़वे ने उत्सुकता से पूछा।
आज मैं भी अंगूर प्राप्त करने में असफल रही और फिर एक बार तो मैने भी वही कहा, जो मेरी पूर्वज ने कहा था, यानि कि मैंने भी अंगूरों को खट्टा बोल दिया। परन्तु फिर मुझे विचार आया कि इस तरह अपनी असफलता के कारण हम किसी और चीज़ के महत्व को कम नहीं कर सकते।


तो तुम्हारी नई अवधारणा क्या है?- कठफोड़वे ने लोमड़ी से पूछा।
मैं इस विश्व के सामने यह उदाहरण देना चाहती हूं कि यदि हम किसी काम में असफल रहते हैं तो हमें अपना तरीका बदलना होगा, रास्ता नहीं। साथ ही हमें अपनी असफलता के कारण स्वयं में सुधार करना होगा, न कि किसी और चीज़ की गुणवत्ता कम करके अपनी असफलता को छिपाना होगा।


अच्छा। अगर ऐसी बात है तो चलो, मैं अंगूर तोड़ने में तुम्हारी मदद करता हूं। - यह कह कर कठफोड़वा लोमड़ी के साथ-साथ उड़ चला। अब दोनों उस जगह पहुंच गए, जहां पर बहुत से अंगूरों के गुच्छों से लदी बेलें थी।
कठफोड़वे ने क्षण भर में अपनी चोंच मार मारकर बहुत से गुच्छे ज़मीन पर गिरा दिए। जब लोमड़ी ने अंगूर खाएं तो वे बहुत मीठे निकले। दोनों ही ने पेट भर अंगूर खाएं।


hindi kahani

लोमड़ी खुश थी कि वह अंगूर खाने में सफल रही थी। साथ ही साथ उसने यह भी सिद्ध कर दिया था कि अलग-अलग तरीके आज़मा कर अपनी मनचाही सफलता प्राप्त की जा सकती है।


और अंगूर! वो तो बिल्कुल भी खट्टे नहीं हैं।


अन्य मज़ेदार और मनोरंजक हिंदी कहानियां


*डुनडुन भालू को एक बार मिल गई एक सुनहरी चमकती चाबी। वह चाबी उसके लिए वरदान बनी या मुसीबतों का पहाड़ लेकर आई। जानने के लिए पढ़ें Fantasy Story With Moral Hindi story डुनडुन भालू को मिला खज़ाना-रहस्य और रोमांच का जादुई सफर


*नोरो एक बहुत प्यारा बच्चा था। लेकिन उसके सिर पर सींग क्यों उगे थे और क्या वो उन सींगो से आज़ाद हो पाया? जानने के लिए पढें Story in Hindi Fantasy With Images कर भला तो हो भला - सींगों वाले बच्चे की कहानी


*तारा एक प्यारी लड़की थी, जो कपडे सिलने का काम करती थी। फिर उसकी एक दोस्त बनी --एक जलपरी। लेकिन क्यों वह जलपरी हमेशा के लिए अपनी दोस्त को छोड़कर चली गई? जानने के लिए पढ़े Story Hindi With Pictures Fantasy Story जैसा कर्म , वैसा फल- एक जलपरी और उसकी गरीब दोस्त की कहानी


*राजा ने अपना उत्तराधिकारी चुनने के लिए एक अनोखी प्रतियोगिता रक्खी। क्या थी वह परीक्षा और क्या कोई कर पाया इस परीक्षा को उत्तीर्ण? पढ़े Short Story With Moral In Hindi ईमानदारी का पौधा - एक राजा ने कैसे चुना अपना उत्तराधिकारी ?


*जायदाद का बंटवारा चाहे हो जाए पर दिलों का बंटवारा नहीं होना चाहिए। यही बात सिखाती है यह very short story in hindi अपनत्व।



एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.