छोटे बौनों का घर था जादुई घास का मैदान। एक दुष्ट जादूगरनी बौनों से छीन लेना चाहती थी उनका घर। किसने मदद की बौनों की ? आइये पढ़े मज़ेदार stories hindi संकलन की एक कहानी फेनी लोमड़ी और जादुई घास का मैदान।
stories Hindi फेनी लोमड़ी और जादुई घास का मैदान
प्यारे बच्चों, ये कहानी Stories Hindi श्रृंखला की एक बहुत ही रोचक कहानी है। एक बार की बात है, हरे-भरे जंगल में फैनी नाम की एक छोटी बुद्धिमान लोमड़ी रहती थी।
क्यों थी फैनी सबसे अलग
फैनी के पास एक असाधारण उपहार था जिसके कारण वो अन्य सभी सामान्य लोमड़ियों से अलग थी। उसके पास एक जादुई पूंछ थी, जो सूरज की रोशनी में झिलमिलाती थी, सही-गलत के बारे में चेतावनी देती थी और उसे दूसरे जानवरों से बात करने की शक्ति देती थी।

क्या सोचा फैनी ने
एक खूबसूरत वसंत की सुबह थी जब फैनी के मन में सहसा यह बात आई कि इस जंगल के ऐसे कई हिस्से हैं जो उसने आज तक नहीं देखे। दरअसल वह जंगल बहुत बड़ा और घना था। एक निश्चित भाग तक ही फैनी परिचित थी, उसके आगे का हिस्सा उसने कभी नहीं देखा था। तब फैनी ने यह निश्चय किया कि आज वह दूर जंगल के भीतर तक जाएगी और ऐसी जगहों की खोज करेगी, जो उसने कभी नहीं देखी।


अचानक एक हवा का झोंका फैनी की नाक से टकराया और उसे बहुत ही मीठी सुगंध का एहसास हुआ। मीठी सुगंध फैनी को अपनी तरफ खींच रही थी। तब फैनी ने उस सुगंध का के बारे में जानने का निश्चय किया। उसके मन की बात जानकर उसकी पूंछ सुनहरे रंग की चमकने लगी और उसको सही दिशा बताने लगी।
कहाँ पहुंची फैनी
लंबी-लंबी घास और पेड़ों के झुरमुट को लांघते हुए फैनी एक बहुत ही बड़े घास के मैदान में पहुंच गई। इस मैदान की घास कोमल और मखमली थी। रंग-बिरंगी तितलियां हवा में इधर से उधर उड़ रही थी। बहुत सारे रंग-बिरंगे विचित्र फूल खिले हुए थे। मानो हरे रंग के बड़े से कालीन पर रंगीन नमूने बने हों। उन्हीं फूलों में से वह मीठी सुगंध आ रही थी।

घास के मैदान के बीच में, एक शानदार पेड़ खड़ा था। विशाल और गरिमा पूर्ण, ऐसा जो उसने पहले कभी नहीं देखा था।
कौन मिले पेड़ के नीचे
पेड़ की शाखाएँ झिलमिलाती रोशनी से सजी हुई थीं, और उसकी पत्तियाँ बड़ी-बड़ी और बहुत कोमल थी और इस तरह से हवा के साथ नाच रही थी मानो आपस में बातें कर रही हों। पेड़ के नीचे, बहुत ही सुंदर छोटे-छोटे बौनो का एक झुंड खड़ा हुआ था। उनकी आँखें आश्चर्य और उत्तेजना से चौड़ी थीं। फैनी उनके पास पहुंची। उसकी जादुई पूंछ चमक रही थी, जिसका अर्थ था कि वे बौने उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे।

फैनी को आश्चर्य मिश्रित ख़ुशी हुई जब बौनो ने उसका खुले दिल से स्वागत किया, क्योंकि उन्होंने फैनी के विशेष उपहार के किस्से सुने थे। बौनो ने उसे बताया कि वे उस मंत्रमुग्ध कर देने वाले घास के मैदान के संरक्षक थे।
बौने क्यों थे चिंतित
उन सभी बौनो का नेता एक बुद्धिमान बूढ़ा उल्लू था जिसका नाम नैड था। नैड ने फैनी को बताया के वे सभी वहां क्यों एकत्र हुए थे। वह विशाल पेड़ बौनो की शक्ति का स्त्रोत था और इस घास के मैदान को भी ऊर्जा प्रदान करता था और इसे जीवंत और जादुई बनाता था। एक दुष्ट जादूगरनी इस घास के मैदान को अपना घर बनाना चाहती थी इसलिए वह इसे बौनो से छीन लेना चाहती थी। बौनो ने बताया कि अभी तक तो वे उसका मुकाबला कर रहे थे। परंतु उसने अपने जादू से इस पेड़ की शक्ति को क्षीण करना शुरू कर दिया था। धीरे-धीरे वह इस पेड़ को पूरी तरह से निर्जीव कर देगी और तब घास के मैदान के संरक्षक बौनो की शक्ति भी खत्म हो जाएगी। और घास के मैदान की जादुई ऊर्जा भी लुप्त हो जाएगी और फूल अपने चमकीले रंग खो देंगे। घास के मैदान के जादू के बिना, बौने और सभी जानवर अपना घर हमेशा के लिए खो देंगे।
किसे बुलाया फैनी ने
फैनी जानती थी कि उसे उनकी मदद करनी होगी। अपनी जादुई पूंछ की शक्तियों का उपयोग करते हुए, फैनी ने जंगल की आत्माओं का आह्वान किया और उनसे इस समस्या का समाधान देने की विनती की। आत्माओं ने उसे एक छिपे हुए रत्न के बारे में बताया। उस रत्न को 'जीवन रत्न' के रूप में जाना जाता था। उसमे उस विशालकाय पेड़ और घास के मैदान के जादू को फिर से वापिस लाने की शक्ति थी।

जीवन रत्न को लेने चली फैनी
आत्माओं ने वहां जाने का रास्ता दिखाया और फैनी ने नैड और घास के मैदान के संरक्षकों के साथ एक बहुत ही रोमांचक यात्रा शुरू की। वे अंधेरे जंगलों के बीच से गुजरे, तेज़ उफनती नदियों को पार किया और पहाड़ की चोटी की तेज़ हवाओं का सामना किया। अंत में, वे एक बहुत ही बडी शानदार गुफा के सामने पहुंचे जिसका पहरेदार एक शक्तिशाली पत्थर का शेर था।

हालांकि शेर को जीवन रत्न देने के लिए राजी करना बहुत ही मुश्किल काम था, लेकिन फैनी ने अपनी बुद्धिमानी से और अपनी जादुई पूंछ की शक्ति से शेर को मना ही लिया कि वह उन्हें वह 'जीवन रत्न' ले जाने दे। फैनी और घास के मैदान के संरक्षकों ने शेर से यह वायदा भी किया कि जब उनका जीवनदाई पेड़ और घास का मैदान अपने पुराने रूप में आ जाएगा और अपने पुराने गौरव को पा लेगा तो वे सब लोग यह 'जीवन रत्न' यहीं आकर वापस रख जाएंगे।
मिल गया जीवन रत्न
शेर की सहमति से वे सब लोग गुफा में गए और गुफा के अंदर, उन्होंने इंद्रधनुषी रोशनी के साथ चमकीले ढंग से चमकते हुए 'जीवन रत्न' को पाया जिसकी सुरक्षा दो विशालकाय भेड़िये कर रहे थे। फैनी ने अपने पंजों में इसकी गर्माहट को महसूस करते हुए बड़े ध्यान से रत्न को उठाया।

घास के मैदान में लौटकर, फैनी और घास के मैदान के रखवाले बौने मंत्रमुग्ध से पेड़ के चारों ओर इकट्ठा हो गए। जैसे ही उन्होंने 'जीवन रत्न' को उसकी जड़ों में रखा, उस रत्न में से बहुत ही चमकीली रोशनी निकलकर उस पेड़ में समा गई और साथ ही साथ पूरे घास के मैदान में फैल गई। इस जादुई ऊर्जा के विस्फोट से पेड़ में अनंत ऊर्जा भर गई जिससे बौनो में भी और अधिक ताकत आ गई।
मुकाबला जादूगरनी से
अब उन्होंने पूरी क्षमता के साथ उस जादूगरनी का सामना किया और उसके जादू को निष्फल कर दिया। इस तरह उन सब ने मिलकर उसको वहां से चले जाने पर मजबूर कर दिया। घास के मैदान की हरी-भरी घास में एक नवजीवन आ गया और वह चमकीले हरे रंग में चमकने लगी। फूल पहले से कहीं ज्यादा शानदार ढंग से खिले, और जानवरों के दिल खुशी से भर गए।

सब हुए खुशहाल
आभारी जानवरों ने अपने नायिका फैनी के लिए खुशी मनाई और अपने घर को बचाने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। उस दिन के बाद से, फैनी भी घास के मैदान के संरक्षकों की एक सदस्य बन गई। उसने अपनी जादुई पूंछ का उपयोग जानवरों और मनुष्यों के बीच की खाई को पाटने के लिए किया, पूरे जंगल में प्यार, समझ और सद्भाव फैलाया।
इन सभी लोगों ने अपना वायदा भी निभाया और 'जीवन रत्न' को वापस उसकी गुफा में रखकर आए ताकि आने वाले समय में यह अपने और भी अन्य उद्देश्यों को पूरा करता रहे।

यही नहीं, शरारती छोटी लोमड़ी, फैनी ने अपने कारनामों को जारी रखा, जहां भी वह गई जादू और आश्चर्य की छाप छोड़ गई। मंत्रमुग्ध जंगल के जानवर उस दिन को कभी नहीं भूले जब उन्हें असाधारण लोमड़ी फैनी मिली और उन्होंने एकता और सद्भावना की शक्ति को पहचाना।

शिक्षा
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि यदि किसी को हमारी मदद की आवश्यकता है तो हमें अवश्य ही मदद के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाना चाहिए।
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