वो गिरा आसमान-गिलहरी के भ्रम के कारण जंगल में मची अफरा-तफरी।

सभी जानवरों को लगा कि आसमान गिरने वाला है, इसलिए वे जान बचाने के लिए भाग रहे थे परंतु असली खतरा तो कुछ और ही था। कैसे उन सब का मूर्खतापूर्वक भागना ही उनके लिए जीवन रक्षक बन गया। पढ़े Hindi story reading की एक रोचक कहानी।

Hindi story reading वो गिरा आसमान 


गिलहरी के भ्रम के कारण जंगल में मची अफरा-तफरी।
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एक था प्यारा सा जंगल

सुंदरबन बहुत प्यारा सा जंगल था। चारों ओर हरियाली ही हरियाली थी। बहुत से फलों के अनगिनत पेड़ उगे थे। छोटी-छोटी झाड़ियों में से झांकते रंग-बिरंगे फूलों की मोहक खुशबू वातावरण में फैली रहती थी।


hindi story readingचिड़ियाएं और कोयलें वृक्षों की टहनियों पर शोर मचाती हुई इधर से उधर फुदकती रहती थीं। कबूतरों की गुटर गूं और कौवौं की कांव-कांव बीच-बीच में कोलाहल को और भी अधिक बढ़ा देती थी।

कुछ हुआ गिलहरी के साथ

एक नन्ही गिलहरी एक पेड़ के नीचे बैठकर अखरोट तोड़- तोड़ कर खा रही थी।


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 तभी पेड़ से एक बड़ा सा सेब ठीक उसके सिर पर आकर गिरा। उसके हाथ का अखरोट दूर जा गिरा और सेब की चोट से उसको दिन में ही तारे नजर आ गए। गिलहरी अनायास ही गिरे उसे सेब की चोट को सहन न कर सकी और वहीं पर बेहोश हो गई।

मौसम ने ली करवट

अचानक थोड़ी देर में काले-काले बादल छा गए और भारी गड़गड़ाहट की आवाज करने लगे। मौसम ने एकदम से ही रंग बदल लिया। पहले जो मौसम बहुत सुहावना था, वहीं अब एकदम से बहुत गुस्से में प्रतीत होने लगा था। जो ठंडी-ठंडी बयार बह रही थी वह अब तेज आंधी में बदल गई थी ,जो अपने साथ हर चीज को उड़ा कर ले जाने पर आतुर थी।तभी धीरे-धीरे बादलों से पानी टपकना शुरू हुआ।

 

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कुछ बूंदे गिलहरी के मुंह पर भी गिरीं और उसे होश आ गया। मौसम का बदला हुआ रूप उसने भी महसूस किया। आसमान में काले -काले बादल उमड़-घुमड़ रहे थे। तेज़ हवा सभी सूखे पत्तों को उड़ाती ले जा रही थी। कमजोर पेड़-पौधे हवा के जोर के कारण एक ओर झुकें जा रहे थे और मजबूत पेड़ों की पत्तियां और टहनियां तेज शोर कर रहीं थीं।

 यह सब जब गिलहरी ने देखा तो वह डर गई। फिर वह सोचने लगी कि वह बेहोश कैसे हुई तो उसको याद आया कि उसके सिर पर कोई बहुत ही भारी चीज गिरी थी। वह ऊपर मुंह करके देखने लगी और सोचने लगी कि क्या गिरा था।

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सिर पर चोट लगने के कारण उसका सिर अभी भी चक्कर खा रहा था। ऐसे में जब उसने ऊपर की ओर देखा तो उसे आसमान घूमता हुआ दिखाई दिया। चक्कर इतने ज्यादा आ रहे थे कि उसे ऐसा लगा मानो आसमान उसके सिर पर ही आ गिरेगा।

गिलहरी का मतिभ्रम

बस! आनन-फानन में उसने यह सोच लिया कि यह आसमान नीचे गिरने वाला है। और उसके सिर पर जो भारी-भरकम चीज गिरी थी, वह इसी आसमान का एक टुकड़ा टूट कर गिरा था।

बस फिर क्या था, डर के मारे उसकी बुरी हालत हो गई। वह उठी और तेजी से भागना शुरू किया। साथ ही वह चिल्लाती जा रही थी - भागो -भागो! आसमान गिर रहा है! अपनी जान बचाओ! भागों सब!

जिस भी जानवर ने उसकी बात सुनी, वो भी उसके पीछे-पीछे भागने लगे। लेकिन किसी को भी कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मामला क्या है? सभी उसको रुकने को कह रहे थे। आखिर सबने मिलकर उसे रोक ही लिया। अब सबने उससे पूछा कि क्या हुआ है?

 

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इस पर वह हांफती हुई घबराईं हुईं बोली - अरे, आसमान गिर रहा है। जल्दी ही पूरा आसमान नीचे आ गिरेगा। अभी कुछ देर पहले ही आसमान का एक टुकड़ा टूट कर मेरे सिर पर आ गिरा और मैं बेहोश हो गई थी। जल्दी सब लोग भागो यहां से और किसी सुरक्षित स्थान पर चलो। नहीं तो सब मारे जाओगे। इतना कहकर उसने फिर से भागना शुरू कर दिया।

फैल गई अफवाह

अब जिन जानवरों को उसने यह बात बताई, वे सब भी बहुत डर गए और भी अंधाधुंध उसके साथ भागने लगे। रास्ते में जो भी जानवर यह दृश्य देखता, वह हैरान रह जाता कि ये सब कहां भागे जा रहे हैं? जिसने भी यह सुना कि भागों, आसमान गिरने वाला है, बस वह बिना सोचे-समझे उनके साथ हो गया और वह भी एक अनजानी मंजिल की ओर दौड़ने लगा।


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अब भागने वाले जानवरों की संख्या बहुत ज्यादा हो गई थी।जिराफ, बंदर, हिरण, खरगोश, भालू और लोमड़ी आदि सब भागे जा रहे थे। जो उड़ सकते थे जैसे कि तोते, कोयलें और चिड़ियाएं, वे सब तेज गति से उड़ते हुए जा रहे थे। सभी किसी सुरक्षित जगह की तलाश में थे, जो कि मिल नहीं रही थी। हर जगह आसमान में काले बादल गरज रहे थे और बिजली की गड़गड़ाहट से पूरा जंगल कांप रहा था। मौसम का रूप भयानक था और भारी बारिश ने इसे और भी अधिक भयानक बना दिया था। और फिर सुरक्षित जगह मिलती भी कहां? आसमान हर तरफ था और उससे बचकर वे कहां जाते?

समझदार हाथी

तभी एक हाथी ने यह दृश्य देखा। उसने सबको रोकना चाहा परन्तु कोई नहीं रुका। उनको रुकता न देख हाथी तेजी से भागा और एक रुकावट बन कर उनके आगे जा खड़ा हुआ। साथ ही वह जोर से चिंघाड़ा। उसकी चिंघाड़ से डरकर सभी जानवर गिरते-पड़ते रुक गये। लेकिन सब एकदम बदहवास थे। अब हाथी ने यूं ही बेमतलब अंधाधुंध भागने का कारण पूछा तो सब एक साथ बोले - आसमान गिरने वाला है, इसलिए हम भाग रहे हैं, किसी सुरक्षित स्थान पर जा रहें हैं। तुम भी भागों और जान बचाओ अपनी।


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अच्छा! हाथी ने पूछा - किसने कहा तुमसे कि आसमान गिरने वाला है? तब कुछ को तो पता ही नहीं था कि बात शुरु कहां से हुई थी? बाकी किसी ने किसी की तरफ उंगली कर दी तो किसी ने किसी की तरफ। फिर अंततः गिलहरी का नाम सामने आया कि उसी के सिर पर आसमान का एक टुकड़ा गिरा था और उसी ने सबको बताया कि आसमान गिरने वाला है।

हाथी को समझ नहीं आ रहा था कि वह उन सब की बेवकूफी पर हंसे या गुस्सा हो। फिर उसने सबको समझाया कि आसमान कभी नहीं गिर सकता। आसमान कोई वस्तु नहीं है बल्कि यह तो हवा और गैसों से मिलकर बनी वातावरण की एक परत है जो हमेशा पृथ्वी के ऊपर छायी रहेगी।

अब सब जानवरों को हाथी की बात समझ में आ गई और सबने राहत की सांस ली। सभी जानवर शिकायत भरी नजरों से गिलहरी को देखने लगे। गिलहरी स्वयं भी बहुत असहज महसूस कर रही थी कि उसकी अज्ञानता के कारण सबको इतनी परेशानी हुई।


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सबकी मंशा समझ कर हाथी सबको समझाते हुए बोला -अरे, गिलहरी पर नाराज़ मत हों तुम सब। उसने उतना ही समझा जितना उसको ज्ञान था। और फिर उसने तो तुम सब की जान बचाने की ही कोशिश की। यह अलग बात है कि वह स्वयं भी एक गलतफहमी की शिकार थी, इसी कारण यह सब हुआ।

अब सभी वहीं खड़े थे। बारिश में भीगने के कारण ठंड से कांपने लगे थे। फिर हताशा के साथ अपने घरों को लौटने लगे क्योंकि सभी अपने अपने घरों से बहुत दूर निकल आए थे और वापसी का सफ़र लंबा था।

एक और नई मुसीबत

तभी हाथी ने उन सब को रोका और बोला - माना कि आसमान नहीं गिरने वाला लेकिन खतरा अभी भी है।
मतलब? -सभी एक साथ बोले।

ये जो लगातार पानी बरस रहा है, ये जल्दी रुकने वाला नहीं बल्कि और भी भयंकर होने वाला है। आसार लग रहें हैं कि भीषण तूफान आने वाला है। जंगल की नदी का पानी भी बहुत चढ़ चुका है। ऐसे में जंगल में बहुत बड़ी बाढ़ आ सकती है।

अब सभी फिर से असमंजस में पड़ गए कि अभी-अभी तो एक मुसीबत से छुटकारा मिला और अब ये दूसरी समस्या आ गयी। वे एक दूसरे की शक्ल देखने लगे कि अब क्या होगा। हताशा और चिंता उनके चेहरों पर साफ झलक रही थी।

जान बची और लाखों पाए

तब हाथी उनसे बोला - चिंता मत करो तुम सब। यहीं सामने वाली पहाड़ी पर एक बहुत बड़ी गुफा है। वह पूरी तरह सुरक्षित स्थान है। हमारे समूह के सभी बच्चे और बुजुर्ग तथा मादाएं पहले ही वहां आश्रय ले चुके हैं। तुम सब भी वहीं चलो मेरे साथ। जब तक यह मौसम ठीक नहीं हो जाता, वहीं रुको। वहां तुम बारिश और बाढ़ से बचें रहोगे।


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सबने हाथी की बात मानी और इस प्रकार वे सब मौसम ठीक होने तक कुछ दिन वहीं रहे और जब सब कुछ ठीक हो गया तो अपने अपने घरों को लौट आए।

शिक्षा

इस कहानी से हमें दो शिक्षाएं मिलती हैं।
पहली तो यह कि हमें सुनी-सुनाई बात पर विश्वास नहीं करना चाहिए। जब तक स्वयं सत्यता को जान न लें, तब तक न तो कोई प्रतिक्रिया देनी चाहिए और न ही आगे किसी और को वह बात बोलनी चाहिए। इस प्रकार अफवाहों को फैलने से रोकना चाहिए।

दूसरी यह कि प्रत्येक बुराई में भी एक अच्छाई छिपी रहती है। Every black cloud has a silver lining. यदि गिलहरी की अज्ञानता के कारण वे जानवर वहां तक भाग कर न आते तो वे सुरक्षित गुफा तक नहीं पहुंच पाते।


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